'ज्ञानवापी में मिले हिंदू मंदिर होने के सबूत', जानें- ASI सर्वे की रिपोर्ट में क्या-क्या मिला?
Gyanvapi ASI Survey Report
वाराणसी। Gyanvapi ASI Survey Report: एएसआइ की सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और नक्काशीदार वास्तुशिल्प तहखाना में फेंकी गई मिट्टी के नीचे दबे हुए हैं। प्रार्थना के लिए बड़ी संख्या में लोगों को समायोजित करने के लिए मस्जिद के सामने अतिरिक्त स्थान और एक बड़ा मंच बनाने के लिए पूर्व में तहखानों की एक शृंखला का भी निर्माण किया गया था।
चबूतरे के पूर्वी भाग में तहखाना बनाते समय पहले के मंदिरों के स्तंभों का पुन: उपयोग किया गया है। एक स्तंभ जिसे घंटियों से सजाया गया है तथा उसके चारों तरफ दीपक रखने का स्थान हैं, उस पर संवत् 1669 (1613 ई., 1 जनवरी, शुक्रवार के अनुरूप) का लिखा है। इस स्तंभ का तहखाना बनाने में पुन: उपयोग किया गया है।
औरंगजेब के शासनकाल में नष्ट हुई थी संरचना
एक कमरे के अंदर मिले अरबी-फारसी शिलालेख में उल्लेख है कि मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के शासनकाल में हुआ था। इसलिए ऐसा प्रतीत होता है कि यह संरचना 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नष्ट कर दी गई थी।
जीपीआर सर्वेक्षण में उत्तरी दरवाजे की ओर 1-2 मीटर की गहराई पर फर्श में एक सिंकहोल-प्रकार की गुहा, एक खड़ी और गहरी संकीर्ण गुहा के संकेत मिले हैं। दक्षिण की ओर एक दरवाजे के समान एक आयताकार बजरी से पटा मार्ग पाया गया है।
दक्षिण गलियारे में बेसमेंट स्तर पर 4-6 मीटर की गहराई दिखी है। तीन मीटर तक उथले स्तर पर एक समान उत्तरी गलियारा तथा उत्तरी हाल के उत्तर और तहखाने के पश्चिम में भी गलियारा पाया गया है। गलियारा से सटे 3-4 मीटर चौड़े तहखानों की कतार दिखी है। यहीं पर स्थित तहखाने में दो मीटर चौड़ा कुआं छिपा हुआ है।
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